Hindu Dharma Ke 18 Puran Ke Naam | पुराण कितने हैं?, हिंदू धर्म के 18 पुराण के नाम

पुराण कितने हैं? | Puran Kitne Hai

Hindu Dharma Ke 18 Puran Ke Naam:- हिंदू धर्म में कुल मिलाकर 18 पुराण हैं। ये पुराण संस्कृत भाषा में लिखे गए हैं और विभिन्न धार्मिक कथाएं, इतिहास, धर्मशास्त्र, विज्ञान, भूगोल, ज्योतिष, आदि के विषयों पर चर्चा करते हैं। ये पुराण विष्णु पुराण, नारद पुराण, भागवत पुराण, गरुड़ पुराण, पद्म पुराण, वराह पुराण, शिव पुराण, लिंग पुराण, स्कंद पुराण, अग्नि पुराण, भविष्य पुराण, ब्रह्म पुराण, ब्रह्मवैवर्त पुराण, मार्कण्डेय पुराण, वामन पुराण, वायु पुराण, पुराणों के उत्तरार्ध, और कृष्ण पुराण से मिलकर बनते हैं।

ये पुराण भारतीय संस्कृति, धर्म, और इतिहास के अनमोल रत्न हैं और विभिन्न परंपराओं में प्रचलित हैं। इन पुराणों के माध्यम से विविध धार्मिक सिद्धांतों, मोरल्स, और भक्ति की शिक्षा दी जाती है।

हिंदू धर्म के 18 पुराण के नाम | Hindu Dharma Ke 18 Puran Ke Naam

हिंदू धर्म में 18 पुराण (Hindu Dharma Ke 18 Puran Ke Naam) हैं, जिनके नाम निम्नलिखित हैं:

  1. विष्णु पुराण (Vishnu Purana)
  2. नारद पुराण (Narada Purana)
  3. भागवत पुराण (Bhagavata Purana)
  4. गरुड़ पुराण (Garuda Purana)
  5. पद्म पुराण (Padma Purana)
  6. वराह पुराण (Varaha Purana)
  7. शिव पुराण (Shiva Purana)
  8. लिंग पुराण (Linga Purana)
  9. स्कंद पुराण (Skanda Purana)
  10. अग्नि पुराण (Agni Purana)
  11. भविष्य पुराण (Bhavishya Purana)
  12. ब्रह्म पुराण (Brahma Purana)
  13. ब्रह्मवैवर्त पुराण (Brahmavaivarta Purana)
  14. मार्कण्डेय पुराण (Markandeya Purana)
  15. वामन पुराण (Vamana Purana)
  16. वायु पुराण (Varaha Purana)
  17. पुराणों के उत्तरार्ध (Puranas’ Uttara-khanda)
  18. कृष्ण पुराण (Krishna Purana)

ये पुराण संस्कृत भाषा में लिखे गए हैं और हिंदू धर्म के प्रमुख साहित्य में से एक महत्वपूर्ण अंश माने जाते हैं। इनमें विभिन्न धार्मिक कथाएं, ब्रह्मांड विवरण, इतिहास, धर्मशास्त्र, विज्ञान, भूगोल, ज्योतिष, आदि के विषयों पर चर्चा की गई है।

सबसे पुराना पुराण कौन सा है? | Sabse Purana Puran Konsa Hai

सबसे पुराना पुराण है ‘ब्रह्म पुराण’ (Brahma Purana)। यह पुराण विष्णु पुराण, शिव पुराण, भागवत पुराण, नारद पुराण, वामन पुराण, मार्कण्डेय पुराण, वराह पुराण, वायु पुराण, लिंग पुराण, स्कंद पुराण, अग्नि पुराण, भविष्य पुराण, ब्रह्मवैवर्त पुराण, गरुड़ पुराण, पद्म पुराण, पुराणों के उत्तरार्ध, और कृष्ण पुराण के पहले रचा गया था।

ब्रह्म पुराण में ब्रह्मा जी के सृष्टि, संसार, वेद, वर्णाश्रम व्यवस्था, धर्म, युगों की व्याख्या और भगवान विष्णु की महत्वपूर्ण कथाएं सम्मिलित हैं। इसमें भगवान विष्णु के अवतार, प्रलय, मन्वंतर, राजा हरिश्चंद्र की कथा आदि भी वर्णित हैं। ब्रह्म पुराण के आधार पर कहा जा सकता है कि यह पुराण वैदिक लक्षणों को अधिक मानकर लिखा गया है और समय के साथ अन्य पुराणों के साथ संशोधन और परिवर्तन किए गए हैं।

सबसे बड़ा पुराण कौन सा है? | Sabse Bada Puran Konsa Hai

सबसे बड़ा पुराण है ‘ब्रह्माण्ड पुराण’ (Brahmanda Purana)। इस पुराण के लिखे गए भागों की संख्या विविध संस्कृत लेखकों और परंपराओं के अनुसार भिन्न हो सकती है, लेकिन विस्तृतता और भविष्य के अंशों के कारण इसे सबसे बड़ा माना जाता है। इस पुराण का विषय ब्रह्माण्ड (ब्रह्मांड का अर्थ विश्व या सृष्टि) से सम्बंधित है।

ब्रह्माण्ड पुराण में ब्रह्मा जी के सृष्टि के विषय में विवरण, विभिन्न युगों की व्याख्या, मन्वंतर, धर्म, तीर्थ, भक्ति, ज्योतिष, ब्राह्मण, कवि, चिकित्सा, ग्रन्थि, धर्मशास्त्र, अध्यात्म, राजनीति, अवतार, प्रलय, महात्म्य, दान, व्रत, वेद, गीता, और महाभारत जैसे विषयों का चर्चा और वर्णन होता है।

ब्रह्माण्ड पुराण भारतीय संस्कृति और धर्म के महत्वपूर्ण ग्रंथों में से एक है और इसमें विभिन्न धर्मिक कथाएं और उपदेश सम्मिलित होते हैं जो भक्ति और सच्चे धर्म के मार्ग पर अनुयायी लोगों को मार्गदर्शन करते हैं।

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हिंदू धर्म में पुराण | Hindu Dharma Ke 18 Puran Ke Naam

Hindu Dharma Ke 18 Puran Ke Naam:- हिंदू धर्म में, पुराण प्राचीन धार्मिक ग्रंथों की एक शैली है जिसमें मिथकों, किंवदंतियों, ब्रह्मांड विज्ञान, वंशावली, इतिहास और धार्मिक शिक्षाओं का एक विशाल संग्रह है। शब्द “पुराण” संस्कृत धातु “पुरा” से आया है, जिसका अर्थ है “प्राचीन” या “पुराना”, जो उनकी पारंपरिक प्रकृति को दर्शाता है। इन ग्रंथों को हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण ग्रंथों में से एक माना जाता है और ये अनुयायियों की धार्मिक मान्यताओं, रीति-रिवाजों और संस्कृति को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

18 मुख्य पुराण हैं, और उन्हें आमतौर पर प्रत्येक से जुड़े प्राथमिक देवता के आधार पर तीन समूहों में वर्गीकृत किया गया है:

विष्णु पुराण: ये पुराण ब्रह्मांड के संरक्षक भगवान विष्णु के इर्द-गिर्द घूमते हैं। प्रमुख विष्णु पुराणों में शामिल हैं:

  • विष्णु पुराण
  • नारद पुराण
  • भागवत पुराण
  • गरुड़ पुराण
  • पद्म पुराण
  • वराह पुराण
  • शिव पुराण

ये पुराण संहारक और हिंदू धर्म के प्रमुख देवताओं में से एक भगवान शिव पर केंद्रित हैं। प्रमुख शिव पुराण हैं:

  • शिव पुराण
  • लिंग पुराण
  • स्कंद पुराण
  • अग्नि पुराण
  • ब्रह्म पुराण

ये पुराण ब्रह्मांड के निर्माता भगवान ब्रह्मा पर केंद्रित हैं। प्रमुख ब्रह्म पुराण है:

  • ब्रह्म पुराण

उपरोक्त के अलावा, कई उप पुराण भी हैं, जिन्हें मुख्य 18 पुराणों का पूरक माना जाता है, जिनमें से प्रत्येक विभिन्न देवताओं या विशिष्ट विषयों को समर्पित है।

पुराण संस्कृत में लिखे गए हैं और माना जाता है कि इन्हें कई शताब्दियों में संकलित किया गया है, जिनमें से कुछ भाग प्राचीन काल के हैं। वे न केवल पौराणिक कहानियों के भंडार हैं बल्कि हिंदू दर्शन, धर्मशास्त्र, धर्म (नैतिक और नैतिक कर्तव्य), अनुष्ठान, भूगोल, खगोल विज्ञान और अन्य के विभिन्न पहलुओं में मूल्यवान अंतर्दृष्टि भी प्रदान करते हैं।

भगवद गीता, भगवान कृष्ण और योद्धा अर्जुन के बीच एक पवित्र और दार्शनिक संवाद, अक्सर महाभारत का एक महत्वपूर्ण खंड माना जाता है, लेकिन कभी-कभी इसकी गहन आध्यात्मिक शिक्षाओं के कारण इसे “गीता पुराण” भी कहा जाता है।

हालाँकि पुराणों में विविध आख्यान हैं, लेकिन वे सभी आध्यात्मिक ज्ञान प्रदान करने, धार्मिक जीवन में व्यक्तियों का मार्गदर्शन करने और परमात्मा के प्रति भक्ति और प्रेम को बढ़ावा देने के सामान्य लक्ष्य को साझा करते हैं।

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