Viram Chinh In Hindi | विराम चिन्ह, चिन्हों के नाम, परिभाषा, प्रकार

विराम किसे कहते हैं? | Viram Chinh Kise Kahte Hai

विराम (Viram) शब्द संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ होता है “विराम करना” या “रुकना”। हिंदी भाषा में इसे “विराम चिन्ह” (Viram Chinh) कहा जाता है, क्योंकि यह चिन्ह हैं जो वाक्यों को अलग करने के लिए प्रयोग होते हैं। ये चिन्ह हिंदी लेखन में वाक्यों की संरचना और विभाजन में मदद करते हैं और पाठकों को वाक्यों की समझ में सहायता प्रदान करते हैं।

विराम चिन्ह

विराम चिन्ह (Viram Chinh) वाक्यों और पंक्तियों को एक दूसरे से अलग करने के लिए उपयोग होने वाले चिह्न होते हैं। विराम चिन्ह का प्रयोग वाक्यों की संरचना और मार्गदर्शन करने के लिए किया जाता है। कुछ प्रमुख विराम चिन्ह निम्नलिखित हैं:

हिंदी में मुख्य रूप से 12 विराम चिन्ह होते हैं:-

  • पूर्ण विराम चिन्ह – Full Stop (।)
  • अल्प विराम चिन्ह – Comma (,)
  • अर्द्ध विराम चिन्ह – Semicolon (;)
  • प्रश्नवाचक चिन्ह – Sign of Interrogation (?)
  • विस्मयादिबोधक चिन्ह – Sign of Exclamation (!)
  • उद्धरण चिन्ह – Inverted Comma (” “)
  • योजक चिन्ह – Hyphen (-)
  • विवरण चिन्ह – Sign of Vivran Chinh (:—)
  • हंस पद – Sign of Hans Pad (^)
  • लाघव चिन्ह – Sign of Laaghav Chinh (°)
  • तुल्यतासूचक चिन्ह – Sign of Tulytasuchak Suchak Chinh (=)
  • लोप सूचक चिन्ह – Sign of Loop Suchak Chinh (…)

यहाँ दिए गए उदाहरणों में विराम चिन्ह (Viram Chinh) का प्रयोग वाक्यों को अलग करने के लिए किया गया है, जिससे वाक्यों की संरचना स्पष्ट होती है और विचारों का अच्छी तरह से प्रदर्शन होता है।

हिंदी चिन्हों के नाम | Viram Chinh Ke Naam

हिंदी भाषा में उपयोग होने वाले चिन्हों के कुछ प्रमुख नाम निम्नलिखित हैं:

पूर्ण विराम (।): दंड
अर्धविराम (।।): द्वितीय दंड
विश्राम चिह्न (।…।): त्रितीय दंड
गुणांक (।।।): विश्राम पैरा
समान्तर चिन्ह (॥): द्वितीय विराम
विसर्ग (ः): उदात्त पदचिह्न
विराम चिह्न (्): हलन्त
ये चिन्ह वाक्यों, पंक्तियों, शब्दों और ध्वनियों को अलग करने के लिए प्रयोग होते हैं और हिंदी में लेखन और पठन में महत्वपूर्ण हैं।

विराम चिह्न की परिभाषा | Viram Chinh Ki Paribhasha

विराम चिह्न (Viram Chinh) हिंदी भाषा में वाक्यों, पंक्तियों और अन्य वाक्यांशों को अलग करने के लिए उपयोग होने वाला चिह्न होता है। इसे हिंदी वर्णमाला का अंतिम वर्ण “हलन्त” कहा जाता है। विराम चिह्न का उपयोग वाक्यों की संरचना को स्पष्ट करने, पाठकों को सही जगह विराम लेने में मदद करने और वाक्यों के विभाजन को सुगम बनाने के लिए किया जाता है।

विराम चिह्न की मुख्य प्रकारों में पूर्ण विराम (।), अर्धविराम (।।), विश्राम चिह्न (।…।) और विराम दंड (्) शामिल होते हैं। पूर्ण विराम चिह्न वाक्य के अंत में प्रयोग होता है, अर्धविराम चिह्न वाक्यों के बीच में प्रयोग होता है, विश्राम चिह्न वाक्य सूची को दर्शाने के लिए प्रयोग होता है, और विराम दंड हलन्त के रूप में ज्ञात होता है और शब्दों के अंत में प्रयोग होता है।

विराम चिह्न वाक्यों को अच्छी तरह से विभाजित करने में मदद करता है और समझने वाले को वाक्य की संरचना और मार्गदर्शन प्रदान करता है।

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विराम चिन्ह का प्रयोग क्यों किया जाता है? | Viram Chinh Ka Prayog

विराम चिन्ह (Viram Chinh) का प्रयोग वाक्यों और पंक्तियों को अलग करने के लिए किया जाता है ताकि लेखक या पाठक को वाक्य संरचना को समझने में मदद मिले। इसके कुछ मुख्य कारण हैं:

वाक्य संरचना: विराम चिह्न वाक्यों के अंत में प्रयोग होता है और इससे वाक्य का स्पष्ट संरचना प्रदर्शित होती है। यह वाक्य के प्रारंभिक भाग और अंतिम भाग को अलग करता है और पाठक को वाक्य की सीमाओं को समझने में मदद करता है।

विचारों का विभाजन: अर्धविराम चिह्न वाक्यों के बीच में प्रयोग होता है और इससे विचारों को अलग करने में सहायता मिलती है। यह पाठक को वाक्य के भागों को समझने और संबंध स्थापित करने में मदद करता है।

समूह का प्रदर्शन: विश्राम चिह्न वाक्य सूची को दर्शाने के लिए प्रयोग होता है। यह उपयोगी होता है जब हम एक समूह या संगठन की सूची प्रदर्शित करना चाहते हैं, जैसे व्यक्तियों की सूची, स्थानों की सूची, इत्यादि।

ध्वनि विभाजन: विराम दंड हलन्त के रूप में ज्ञात होता है और शब्दों के अंत में प्रयोग होता है। यह वर्णमाला में लगाने के बाद वर्णों को विभाजित करके उच्चारण और पठन को सुगम बनाता है।

विराम चिह्नों का प्रयोग हिंदी लेखन में वाक्य संरचना को सुगम बनाने और पाठकों को वाक्यों की समझ में सहायता प्रदान करने के लिए किया जाता है।

Viram Chinh के प्रकार | Viram Chinh ke Prakar

विराम चिन्ह (Viram Chinh) के विभिन्न प्रकार होते हैं, जो निम्नलिखित हैं:

  • पूर्ण विराम (।): पूर्ण विराम चिन्ह वाक्य के अंत में प्रयोग होता है। इससे वाक्य की संरचना को स्पष्ट किया जाता है।
    उदाहरण: राम खेल रहा है। श्याम पढ़ रहा है।
  • अर्धविराम (।।): अर्धविराम चिन्ह वाक्यों के बीच में प्रयोग होता है। इससे वाक्यों के भागों को अलग करने में मदद मिलती है।
    उदाहरण: राम खेल रहा है।। श्याम पढ़ रहा है।। मोहन सो रहा है।
  • विश्राम चिह्न (।…।): विश्राम चिह्न वाक्य सूची को दर्शाने के लिए प्रयोग होता है। यह उपयोगी होता है जब हम एक समूह या सूची को विशेष रूप से प्रदर्शित करना चाहते हैं।

उदाहरण: फलों की दुकान पर उपलब्ध पदार्थ:

  • सेब
  • केला
  • आम
  • अंगूर

विराम दंड (्): विराम दंड हलन्त के रूप में ज्ञात होता है और शब्दों के अंत में प्रयोग होता है। यह वर्णमाला में लगाने के बाद वर्णों को विभाजित करके उच्चारण और पठन को सुगम बनाता है।
उदाहरण: राम्, गीता्, सीता्

ये विभिन्न प्रकार के विराम चिन्ह हिंदी में लेखन में उपयोग होते हैं ताकि वाक्य संरचना को सुगम बनाया जा सके और पाठकों को वाक्यों की समझ में सहायता मिले।

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