What is NEP, its effect, rules for doing PHD changed in DU

 

NEP का असर:- डीयू में बदला PhD करने का नियम, नियमानुसार होगा दाखिला ! (NEP ka Asar:- DU me Badla PhD karne ka Niyam, Niyamanusar Hoga Dakhila)

                       क्या है NEP

NEP 21वीं सदी के 22 वे साल में भारत में नई शिक्षा नीति आई है। भारत में सर्वप्रथम 1967 में नई शिक्षा नीति बनाई गई थी उसके बाद 198७ में बनाई गई जिसके बाद नई शिक्षा नीति को 1993 में संशोधित किया गया। लगभग 33 साल बाद 2020 में पुनः नई शिक्षा नीति को लेकर अहम बदलाव किए गए हैं। जिसमें शिक्षा सम्बन्धित नियमों में हर सेलेबस में बदलाव किया गया है। वही हाल ही में मानव संसाधन प्रबंधन मंत्रालय ने शिक्षा नीति के सेलेबस में बदलाव के साथ साथ अपने मंत्रालय का नाम भी बदल दिया है, जिसके वजह से मानव संसाधन प्रबंधन मंत्रालय को अब शिक्षा मंत्रालय के नाम से जाना जाएगा।

National education policy के तहत शिक्षकों के लिए आध्यात्मिक विकास को जरुरी कर दिया गया है और शिक्षकों के लिए सर्विस ट्रेनिंग का आयोजन भी कर दिया है। जिसमे शिक्षकों को नयी सेलेबस के जायेगा।[ ISRO ] प्रमुख डॉक्टर के कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में शिक्षा नीति को लेकर अचूक समिति का गठन किया गया था और मई 2020 में कस्तूरीरंगन समिति ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति का नया रूप सरकार के समक्ष प्रस्तुत किया। जिसे सोमवार को कैबिनेट बैठक के दौरान सरकार द्वारा मंजूरी दे दी गई है।

NEP वर्ष 1987 के बाद भारत में यह तीसरी शिक्षा नीति है जो भारत में लागू होने जा रही है। जिसके तहत Education Policy में सब सेलेबस बदल रहें हैं। इसी वजह से nep के तहत दिल्ली यूनिवर्सिटी समेत कई कोल्लगे में ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन, अंतर स्नातक और प्रथम से दशवीं तक का सेलेबस चेंज किया जा रहा है।

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NEP दिल्ली यूनिवर्सिटी में ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट में एडमिशन प्रक्र‍िया के बदलाव के बाद अब पीएचडी प्रोग्राम में एडमिशन का नियम भी बदल चूका है। दिल्ली यूनिवर्सिटी के कार्यकारी परिषद की बैठक के दौरान लिए गए फैसले के मुताबिक अब कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET) के आधार पर पीएचडी एडमिशन (PhD Admission) लेने की तैयारी हो रही है। अब पीएचडी के लिए भी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) आगामी शैक्षणिक वर्ष से सीयूईटी परीक्षा (CUET PhD) आयोजित करेगा। समझिये लगभग सब कुछ बदल जायेगा।

शुक्रवार को डीयू के कार्यकर्ताओं ने इसकी घोषणा की, इसके बाद अब यह पहली बार होगा जब विश्वविद्यालय (Delhi University) छात्रों को लिखित परीक्षा और साक्षात्कार आयोजित करने के बजाय एक कॉमन एग्जाम के माध्यम से पीएचडी प्रोग्राम में एडमिशन होगा। इससे पहले यूनिवर्स‍िटी की ओर से परीक्षा आयोजित कराई जाती थी। साथ ही पीएचडी के लिए नेट क्वालीफाई करने की शर्त अन‍िवार्य तौर पर लिया गया था।

               अब CUET माध्यम से होगा PhD में एडमिशन

3 जून 2023, मंगलवार को डीयू के कार्यकर्ताओं ने इसकी घोषणा की, इसके बाद अब यह पहली बार होगा जब विश्वविद्यालय (Delhi University) छात्रों को लिखित परीक्षा और साक्षात्कार आयोजित करने के बजाय एक कॉमन एग्जाम के माध्यम से पीएचडी प्रोग्राम में एडमिशन होगा। इससे पहले यूनिवर्स‍िटी की ओर से परीक्षा आयोजित कराई जाती थी। साथ ही पीएचडी के लिए नेट क्वालीफाई करने की शर्तें निश्चित तौर पर लिया गया था।

              अब CUET माध्यम से होगा PhD में एडमिशन

3जून 2023 को विश्वविद्यालय ने एक बयान में कहा है कि एकेडमिक काउंसिल की स्टेंडिंग कमेटी ने पीएचडी में एडमिशन के लिए सीयूईटी की सिफारिश की है।अंडरग्रेजुएट, पोस्टग्रेजुएट और पीएचडी में एडमिशन पर विचार-विमर्श के बाद एकेडमिक सेशन 2023-24 में सीयूईटी को आधार बनाने का फैसला किया गया। इसे कार्यकारी परिषद (ईसी) द्वारा भी स्वीकार किया गया था। इसके बाद अब यह बदलाव होना तय है।

दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) ने 2022 में CUET-UG के माध्यम से अंडरग्रेजुएट (UG) में एडमिशन लेना शुरू किया और CUET PG के माध्यम से छात्रों को पोस्टग्रेजुएट प्रोग्राम में एडमिशन दिया जाएगा। एडमिशन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) द्वारा आयोजित राष्ट्रीय-आधारित CUET (PhD) -2024 के माध्यम से होगी। हालांकि, विश्वविद्यालय में सेवारत टीचिंग और नॉन-टीचिंग कैटेगरी सीधे साक्षात्कार के लिए अनुपस्थित हो सकते हैं, कोल्लगे कर्मचारियों ने इसकी पुष्टि की है।

             2024 MSc में भी CUET से होगा एडमिशन

आधिकारिक सूचना के मुताबिक, “टीचिंग और नॉन-टीचिंग स्टाफ को कार्यालय समय के दौरान सौंपे गए कर्तव्यों को प्रभावित किए बिना ज्ञान दे सकते हैं और एग्जाम दे सकते हैं। पीएचडी के लिए ये नियम शैक्षणिक सत्र 2023-2024 से लागू होंगे। इनके अलावा शैक्षणिक सत्र 202४ -2026 के लिए अंडरग्रेजुएट (एमबीबीएस/बीडीएस) कोर्स में एडमिशन के लिए मेडिकल साइंस कोर्सेज कमेटी (एमसीएसी) की पात्रता शर्त और सीट मैट्रिक्स सिफारिशों को भी ईसी में मंजूरी दी गई। रेस्पिरेटरी थेरेपी प्रोग्राम में एमएससी एडमिशन भी सीयूईटी (पीजी)-2023 के तहत होगा।

          NEP से गुमनाम नायकों और घटनाओं पर होगी रिसर्च

इस बीच, विश्वविद्यालय की 1015वीं एकेडमिक काउंसिल की बैठक में पारित स्वतंत्रता एवं विभाजन अध्ययन केंद्र स्थापित करने के प्रस्ताव को भी शुक्रवार को मंजूरी मिल गई। यह केंद्र शोध के माध्यम से स्वतंत्रता आंदोलन के ऐसे गुमनाम आदमियों और घटनाओं पर भी काम करेगा, जिन्हें अभी तक इतिहास में जगह मिली है। साथ ही भारत विभाजन की त्रासदी के समय की घटनाओं का भी गहन अध्ययन एवं प्रतिक माना जाएगा।

             NEP से हिंदू स्टडीज में मास्टर्स

NEP जनजातीय अध्ययन केन्द्र के गठन को भी मंजूरी न दी गई है। यह हिंदुस्तान की विभिन्न जनजातियों पर अध्ययन के साथ एक बहु-अनुशासनात्मक केंद्र होगा। इनके अलावा, ईसी की बैठक में सनातनी अध्ययन केंद्र की स्थापना को भी पारित किया गया था। सेंटर फॉर हिंदू स्टडीज के तहत हिंदू स्टडीज में मास्टर ऑफ आर्ट्स प्रोग्राम शुरू किया जाएगा।

             ITEP कोर्स में 2024 में नामांकन

बयान में कहा गया है कि NEP शैक्षणिक सत्र 2024-26 से इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम (ITEP) कोर्स चलाने की भी मंजूरी दी गई है। यूनिवर्सिटी ने कहा कि पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर यह तीन साल+1 साल का कोर्स होगा। डीयू के श्यामा प्रसाद मुखर्जी महिला कॉलेज, माता सुंदरी महिला महाविद्यालय और जीसस एंड मैरी कॉलेज को सत्र 2023-2024 से एनसीटीई द्वारा आईटीईपी के लिए मंजूरी दे दी गई है। शैक्षणिक वर्ष 2024-2026 के लिए आईटीईपी कोर्स के लिए डीयू का शिक्षा विभाग और बी एल एड कोर्स चलाने वाले 9 कॉलेज आवेदन करेंग

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