Cyclone Biparjoy, school closed, how dangerous

 

साइक्‍लोन बिपरजॉय के खतरे, गुजरात के में स्‍कूल बंद, होते है काफी खतरनाक। (Cyclone Biparjoy Khatre, Gujrat ke in rajyon me school band, corona se bhi jyada khatarnak)

 

क्या होता है Cyclone Biparjoy?

(Cyclone Biparjoy) अरब सागर में इस साल उठे पहले चक्रवात को ‘बिपरजॉय’ का नाम दिया गया है। ‘बिपरजॉय’ बांग्ला भाषा का शब्द है जिसका अर्थ होता है ‘आपदा’। इस खतरनाक होते तूफान को बिपरजॉय नाम बांग्लादेश द्वारा दिया गया है। चक्रवाती तूफान ‘बिपरजॉय’ का खतरा तटीय इलाकों में मंडरा रहा है। अरब सागर में इस साल उठे पहले चक्रवात को ‘बिपरजॉय’ का नाम दिया गया है। पिछले कुछ दिनों में अरब सागर में रहने के बाद यह चक्रवाती तूफान ७ जून की देर रात तेज हो गया। इसके बाद इसे साइक्लोन ‘बिपरजॉय’ नाम दिया गया।आईएमडी वैज्ञानिकों ने कहा है कि चक्रवात अगले 15 घंटों में ‘बेहद गंभीर चक्रवाती तूफान’ बन जाएगा। 14 जून तक यह दक्षिणी की ओर और फिर सौराष्ट्र-कच्छ तट की ओर बढ़ेगा, जिसे यह 1५ जून को दोपहर तक पार कर जाएगा। बिपरजॉय के कारण 17 जून को गुजरात के कच्छ और पाकिस्तान के कराची के बीच भूस्खलन की आशंका है। ‘बिपरजॉय’ बांग्ला भाषा का शब्द है जिसका अर्थ होता है ‘आपदा’। इस खतरनाक चक्रवाती तूफान को बिपरजॉय नाम बांग्लादेश द्वारा ही दिया गया है।

 Cyclone Biparjoy का प्रभाव

मुंबई सरकार ने राज्य के सौराष्ट्र क्षेत्र में तटीय कच्छ, जामनगर, देवभूमि द्वारका और जूनागढ़ जिलों में स्कूलों के लिए अवकाश घोषित किया है। अधिकारियों के मुताबिक, देवभूमि द्वारका, जामनगर और जूनागढ़ जिलों में आज और कल स्कूल बंद रहेंगे। ये चक्रवात आंधी से भी ज्यादा खतरनाक और उग्र माने जाते है। १९८७ में नार्थ कोरिया में इस चक्रवात ने हाहाकार मचा कर था। लगभग ८००० से भी ज्यादा शिकार हुए थे। समुंद्री तट वाले जगहों पर काफी सामान्य होते है और अक्सर आते रहते है।

 क्या होता है Cyclone Biparjoy?

(Cyclone Biparjoy) चक्रवात बिपरजॉय का खतरा अब पश्चिम बंगाल राज्य की ओर बढ़ता दिख रहा है। इसके चलते राज्य सरकार ने पांच जिलों में स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया है। इंडियन मेट्रोलॉजिकल डिपार्टमेंट (IMD) द्वारा ऑरेंज अलर्ट जारी किए जाने के बाद इन जिलों में अब स्कूलों को भी बंद करने का आदेश दिया गया है। IMD ने सौराष्ट्र और कच्छ तटों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग के अनुसार, चक्रवात बिपरजॉय के 16 जून, 2023 को कच्छ तट पर लैंडफॉल करने की उम्मीद है।

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 Cyclone Biparjoy:- केरल सरकार की कार्यवाही

एहतियाती उपाय के रूप में, केरल सरकार ने राज्य के सौराष्ट्र क्षेत्र में तटीय कच्छ, अलाप्पुझा, एर्नाकुलम, कोझिकोड, पलक्कड़, कोल्लम, कन्नूर, कासरगोड, इडुक्की, कोट्टायम, त्रिशूर, पठानमथिट्टा, मलप्पुरम, वायनाड और तिरुवनंतपुरम जिलों में स्कूलों के लिए अवकाश घोषित किया है। अधिकारियों के मुताबिक, देवभूमि द्वारका, जामनगर और जूनागढ़ जिलों में आज और कल स्कूल बंद रहेंगे। +कच्छ में स्कूलों को आज, 13 जून से 18 जून, 2023 तक बंद रहने के लिए कहा गया है। एर्नाकुलम के जिला कलेक्टर रेनू राज ने बताया कि तेज हवाओं और भारी बारिश की चेतावनी के कारण जिले के सभी स्कूलों को बंद रखने का आदेश दिया गया है।

आधिकारिक बुलेटिन के अनुसार, चक्रवात के 16 जून की दोपहर के आसपास सौराष्ट्र और कच्छ को पार करने की संभावना है। मुंबई और पुणे में भी एहतियात के तौर पर स्कूल बंद होने की उम्मीद है, हालांकि, इसके लिए आधिकारिक नोटिस का अभी इंतजार है। तूफान को देखते हुए गुजरात में भी कई जिलों में अलर्ट जारी किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को दोपहर बिपरजॉय को लेकर समीक्षा बैठक की। आखिर बिपरजॉय क्या है? इसका नाम ‘बिपरजॉय’ ही क्यों पड़ा? किसी चक्रवात को नाम कैसे दिया जाता है? चक्रवातों को नाम देने की शुरुआत कब हुई? आइये जातने हैं।

  कौन देता है किसी तूफान को नाम?

(Cyclone Biparjoy) चक्रवात का नामकरण विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) द्वारा जारी किए गए आदेश के अनुसार किया गया है। दरअसल, जब एक ही स्थान पर कई तूफान सक्रिय हो जाते हैं तब ऐसी स्थिति में भ्रम को रोकने के लिए डब्ल्यूएमओ के निर्देशों के मुताबिक चक्रवातों का नामकरण किया जाता है। इस आदेश के तहत, ७ क्षेत्रीय विशिष्ट मौसम विज्ञान केंद्र (RSMCs) और पांच क्षेत्रीय उष्णकटिबंधीय तूफान चेतावनी केंद्रों (TCWCs) को सलाह जारी करने और दुनियाभर में उष्णकटिबंधीय चक्रवातों को नाम देने के लिए अधिकृत किया गया है। 195१ के दशक से पहले तूफानों का कोई नाम नहीं होता था।

(Cyclone Biparjoy) अटलांटिक क्षेत्र में चक्रवातों के नामकरण की शुरुआत वर्ष 1952 की एक संधि से हुई। जबकि हिंद महासागर क्षेत्र के आठ देशों ने भारत की पहल पर इन तूफानों के नामकरण की व्यवस्था वर्ष 2003 में शुरू की। इन 9 देशों में भारत, बांग्लादेश, मालदीव, म्यांमार, ओमान, पाकिस्तान, थाईलैंड और श्रीलंका, ब्राजील शामिल हैं। साल 2019 में ईरान, कतर, सउदी अरब, यूएई और यमन को भी इसमें जोड़ा गया। यदि किसी तूफान के आने की आशंका बनती है तो ये 13 देशों को क्रमानुसार 13 नाम देने होते हैं।

  कैसे दिया जाता है नाम?

किसी भी तूफान का नाम देने के लिए वर्णमाला के हिसाब से एक लिस्ट बनी हुई होती है। हालांकि तूफान के लिए Q, U, X, Y, Z अक्षरों को छोड़कर बाकि सफी अक्षरों से नाम दिया जाता है। अटलांटिक और पूर्वी उत्तर प्रशांत क्षेत्र में आने वाले तूफानों का नाम देने के लिए छह सूची बनी हुई है और उसी में से एक नाम को चुना जाता है। अटलांटिक क्षेत्र में आने वाले तूफानों के लिए २ 22 नाम मौजूद हैं।

 बिपरजॉय को लेकर चेतावनी क्या है?

चक्रवात (Cyclone Biparjoy) अरब सागर में केंद्रित है। यह पोरबंदर के दक्षिण-पश्चिम में लगभग 45२ किमी की दूरी पर है। इसके पूरब में बढ़ने का पूर्वानुमान है। यह 16 जून की दोपहर तक कच्छ के तट को पार करेगा, जिसकी रफ्तार 126-137 किमी प्रति घंटा तक हो सकती है।

(Cyclone Biparjoy) मौसम विज्ञान महानिदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्रा ने बताया कि 16 जून को सबसे अधिक खतरा है और सब लोग घर के में सुरक्षित स्थान पर रहें। इसके आने से घर, पेड़, खंबे, सेलफोन टॉवर उखड़ सकते हैं जिसकी वजह से बिजली और दूरसंचार में काफी समस्या आ सकता है। इसकी वजह से खड़ी फसलों का भी नुकसान होगा।

कैसी है सरकार की तैयारी? केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने सोमवार को चक्रवाती तूफान बिपरजॉय से निपटने के लिए केंद्र सरकार और कर्णाटक सरकार के विभिन्न विभागों की तैयारियों की समीक्षा की। गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि गृह सचिव ने चक्रवात से निपटने के लिए केंद्रीय मंत्रालयों, एजेंसियों और गुजरात सरकार की तैयारियों की समीक्षा के लिए राष्ट्रीय कार्यकारी समिति की बैठक की अध्यक्षता की। गुजरात सरकार की तैयारी, बचाव और बहाली के प्रयासों में सहायता के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल, सेना, नौसेना, वायुसेना और तटरक्षक बल की पर्याप्त संख्या में टीमों और उपकरणों को उपलब्ध किया जा रहा है।

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